२०१९-२० की दूसरी छमाही में उद्योग जगत इकोनॉमी में सुधार

वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही में यानी सितंबर से अगले वर्ष मार्च तक उद्योग जगत इकोनॉमी में सुधार की उम्मीद देखि जा रह है तो वही कंपनियों का मानना है कि राजनीति और नीतिगत स्तर पर स्थायित्व के चलते वित्त वर्ष के इस हिस्से में इंडस्ट्री के कुछ सेक्टर में निवेश की स्थिति में सुधार होगा। उनके मुताबिक रियल एस्टेट, स्मॉल अप्लायंसेंज और ब्रांडेड अपैरल सेक्टर में सकारात्मक रुख बनेगा। कहा जा रहा है की इकोनॉमी में सुस्ती को लेकर कंपनियां चिंतित तो हैं, लेकिन दूसरी छमाही को लेकर कंपनियों का रुख सकारात्मक भी है। कंपनियों का मानना है कि दूसरी छमाही से निजी कंपनियों के निवेश की स्थिति में बदलाव आना शुरू हो सकता है। वैसे भी वित्त वर्ष की शुरुआत से शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों, खासतौर पर आइटी सेक्टर की कंपनियों में रोजगार के अवसरों को लेकर सुधार की स्थिति देखने को मिली है।

खासतौर पर रियल एस्टेट, स्मॉल अप्लायंसेज और ब्रांडेड अपैरल सेक्टरों से जुड़ी कंपनियां भविष्य को लेकर उत्साहित हैं। तो वही ऑटो और ग्लोबल कमोडिटीज से जुड़ी कंपनियां सशंकित हैं। कई कंपनियों ने इस बात से सहमति व्यक्त की है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कई ढांचागत सुधार हुए।

सीएलएसए का मानना है कि कुछ कॉरपोरेट और कई सेक्टरों को इसका लाभ भी हुआ। खासतौर पर कंपनियों ने कंसोलिडेशन के जरिये इन सुधारों का लाभ भी लिया। यही सेक्टर इकोनॉमी की भविष्य की स्थिति को लेकर सकारात्मक भी हैं। इनमें डिजिटल इकोनॉमी लिंक्ड कंपनियां और नॉन लेंडिंग फाइनेंशियल कंपनियां भी शामिल हैं।

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