भारत-नेपाल पाइपलाइन परियोजना का हुआ उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व नेपाल के प्रधामंत्री केपी शर्मा ओली ने वीडियो लिंक के जरिए भारत नेपाल पाइपलाइन परियोजना का मंगलवार को उद्घाटन किया। इसी दौरान मोदी ने नई दिल्‍ली में अपने कार्यालय से व उनके नेपाली समकक्ष केपी शर्मा ओली ने काठमांडू में अपने कार्यालय से रिमोट के जरिए महत्‍वपूर्ण मोतिहारी- अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन को समर्पित किया।

नेपाल में भारतीय राजदूत मंजीव सिंह पुरी ने जून में बताया था कि यह पाइपलाइन नेपाल के लिए ‘गेम चेंजर’ होगा। मोतिहारी-अमालेखगंज पाइपलाइन से नेपाल में तेल भंडारण की समस्‍या से निजात दिलाने में मदद मिलेगी। पुरी के अनुसार, यह परियोजना कीमत में तो राहत देगी ही साथ ही पर्यावरण के अनुकूल भी है।

बिहार के बेगूसराय जिले में बरौनी रिफाइनरी से दक्षिण पूर्व नेपाल के अमालेखगंज तक जाने वाले पाइपलाइन से ईंधन का ट्रांसपोर्ट किया जाएगा। नेपाल ऑयल कार्पोरेशन (NOC) के प्रवक्‍ता बिरेंद्र गोइत के अनुसार, 69 किमी लंबे पाइपलाइन के आ जाने से भारत से नेपाल के बीच ईंधन के ट्रांसपोर्ट पर खर्च में काफी कमी आएगी। आपको बता दें कि अमालेखगंज पूर्वी चंपारण जिले के रक्‍सौल सीमा पर स्‍थित है। अमालेखगंज ईंधन डिपो की भंडारण क्षमता 16,000 किलोलीटर पेट्रोलियम उत्‍पादों की हो जाएगी।

इस पाइपलाइन परियोजना का प्रस्‍ताव वर्ष 1996 में पहली बार पेश किया गया था लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी धीमी थी। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेपाल दौरे के बाद इसमें गति आई। इसके बाद 2015 में दोनों देशों के सरकारों ने परियोजना के लिए एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किया। हालांकि नेपाल के साथ राजनीतिक तनाव से इस परियोजना में थोड़ी रुकावट आई। 2017 में राज्‍य संचालित इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (IOC) ने पेट्रोलियम ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्‍ताक्षर किया, जिसके अनुसार हर साल करीब 1.3 मिलियन टन ईंधन नेपाल भेजा जाएगा और 2020 तक इसे दोगुना कर दिया जाएगा। जुलाई में दोनों देशों ने सफलतापूर्वक ऑयल पाइपलाइन के जरिए ट्रांसफर का परीक्षण भी किया था

शुरुआत में इस परियोजना की लागत का आकलन 275 करोड़ रुपये किया गया था जिसमें से भारत को 200 करोड़ रुपये का खर्च वहन करना था। इसके बाद NOC ने बताया कि परियोजना की कुल लागत बढ़ गई है और करीब 325 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। NOC डिप्‍टी एक्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर सुशील भट्टाराई ने कहा, ‘सीमा पार ईंधन परियोजना के कॉमर्शियल ऑपरेशन ईंधन में कम से कम करीब एक रुपये प्रति लीटर कीमत कम जाएगी।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *