पीएम के वडनगर का सिविल अस्पताल बना ‘मेडिकल हब’

तीन साल पहले वडनगर के सब-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में सिर्फ 50 मरीजों के बैठने की जगह थी लेकिन अब यहां एक हजार मरीजों को वाह्य रोगी विभाग यानी ओपीडी में डॉक्टर देखते हैं। अब यह मेडिकल हेल्थकेयर का बड़ा हब बन गया है। वडनगर ही नहीं आस-पास के जिलों के हजारों लोगों को भी यह अस्पताल स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहक्षेत्र में इस कायाकल्प से बहुत से गरीब मरीजों को भी लाभ मिल रहा है।
तो वही अस्पताल अब नए बने वडनगर मेडिकल कॉलेज से भी संबद्ध है, जहां एमसीआई के लिए हरी झंडी मिलने के बाद तीन बैच के ऐडमिशन हो चुके हैं। अब सिविल अस्पताल 400 बेड वाले स्टेट ऑफ द आर्ट हॉस्पिटल में तब्दील हो चुका है I
मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद वडनगर में हो रहे विकास कार्यों की यह अस्पताल एक बानगी है।
अहमदाबाद के प्रतिष्ठित बीएन मेडिकल कॉलेज से रिटायर होने के बाद गायनकॉलजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) शाह 2016 में वडनगर अस्पताल शिफ्ट हुए। वह रोज तीन से चार सिजेरियन डिलिवरी के केस देखते हैं। अस्पताल में उनकी मौजूदगी से ग्रामीण इलाकों में अच्छे डॉक्टरों के होने की अहमियत पता चलती है। इससे बेहतर इलाज के लिए शहर का रुख करने वाले लोगों की भीड़ पर नियंत्रण किया जा सकता है।
शाह ने बताया की , ‘हमारे पास नजदीकी जिलों जैसे पाटन, राधनपुर और वडनगर कस्बे के जिला मुख्यालय मेहसाणा से भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। एनआईसीयू और आईसीयू में सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल सिजेरियन डिलिवरी समेत सभी मरीजों का मुफ्त इलाज करता है, जबकि किसी प्राइवेट नर्सिंग होम में सिजेरियन डिलिवरी के लिए 30 हजार रुपये तक लिए जा सकते हैं।’

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