इन देशों में है सोशल मीडिया पर Fake News फैलाने पर कड़े कानून

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज को ट्रैक करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से नियम बनाने को कहा तो वहीँ Facebook, Whatsapp, Twitter और YouTube जैसे पॉपुलर सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म्स पर फेक न्यूज, अफवाह और अभद्र कंटेंट को लेकर नियामक तय करने के लिए 3 हफ्तों का समय दिया है। सोशल मीडिया के इसी तरह के कंटेंट का नतीजा है की भारत के कई क्षेत्रों में जानलेवा हमले और ऐसी ही खतरनाक घटनाओं ने अंजाम लिया है। आपको बता दे भारत के अलावा अन्य देश भी इस समस्या पर काम कर रहे हैं I

तो वहीँ मलेशिया उन कुछ पहले देशों में से एक है, जिसने पिछले साल एंटी-फेक न्यूज का कानून पिछले साल पेश किया है। इस देश में फेक न्यूज फैलाने के लिए 50000 मलेशियन Ringits यानी की Rs 85 लाख का फाइन या 6 साल तक की जेल की सजा है।
इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में एक कानून पेश किया गया था जिसके अनुसार, टेररिज्म, रेप, मर्डर और अन्य गंभीर अपराध से जुड़े कंटेंट को सोशल मीडिया से हटाने में नाकाम होप्ने पर टेक एक्जीक्यूटिव के लिए 3 साल तक की सजा और कंपनी के टर्नओवर का 10 प्रतिशत पेनेल्टी के रूप में लिया जाता है। कानून को ना मानने पर A$168000 यानि की करीब Rs 80 लाख का फाइन व्यैक्तिक तौर पर और कॉर्पोरेशंस पर Rs 4 करोड़ का फाइन लगता है।

वहीँ आपको बता दे फ्रांस में पिछले अक्टूबर, एंटी-फेक न्यूज से जुड़े दो कानून पेश किये जिसके तहत कोर्ट के पास किसी भी नेटवर्क पर चल रही न्यूज को ऑफ-एयर करने का अधिकार है।
वहीँ रूस के मार्च 2019 के कानून में कंपनियों और व्यैक्तिक तौर पर फेक न्यूज फैलाने के लिए सजा का प्रावधान है। पब्लिकेशंस, जो फेक न्यूज फैला रहे हैं, उन पर 1.5 मिलियन Rubies यानि की Rs 16 लाख का फाइन लगता है।

तो वहीँ चीन ने पहले से ही अधिकतर सोशल मीडिया साइट्स और Twitter, Google और Whatsapp जैसी सेवाओं को बंद कर रखा है। चीन में हजारों की संख्या में सोशल मीडिया मॉनिटर करने के लिए पुलिस मौजूद है।

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