देशी एलोवेरा से बनी ईको फ्रेंडली बैटरी

एलोवेरा को हिंदी में घृतकुमारी कहते हैं, जिनका उपयोग अभी तक हर्बल प्रोडक्ट्स के तौर पर होता आया है. तो वहीँ लखनऊ की रहने वाली निमिषा वर्मा ने एक ऐसी बैटरी बनाई है जिसके अंदर एलोवेरा जेल मौजूद है. ये बैटरी iso 9001:2015 और Iso 14001:2015 सर्टिफाइड हैं. ऐसा बताया जा रहा है की बैटरीज को बिना किसी सही डिस्पोजल के ऐसे ही फेंक दिया जाता है. जब इनमें 20 से 30 परसेंट एनर्जी बची होती है और लोग इन्हें डिस्पोज नहीं कर पाते हैं इसीलिए वो इन्हें कूड़ेदान में फेंक देते है.

वहीँ निमिषा वर्मा ने बताया की पहले पेड़ से एलोवेरा को तोड़ कर धो लिया जाता है, फिर इसका रस निकाल कर पतला करते है, फिर इसमें बराबर मात्रा में नींबू का रस आदि मिलाकर कॉपर और जिंक के साथ बंद करके बैटरी बनाते हैं. उसके बाद इसको कवर करके अलोए-ई सेल का टैग लगाकर हम इसे लीक प्रूफ बनाकर बैटरी को पूर्ण रूप देते हैं.
साथ ही अगर बैटरी मशीनों द्वारा बनाई जाए तो समय में 98% की बचत होगी. निमिषा ने एलोवेरा से बैटरी बनाने के फायदे के बारे में बताया कि एलोवेरा बैटरी बनाने का अब तक का सबसे सस्ता रॉ मटेरियल है और एलोवेरा को कहीं पर भी उगाया जा सकता है.

POSTED BY : KRITIKA

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