क्राइम मैनुअल में १४ साल बाद सीबीआई ने किए बदलाव

केंद्रीय जांच ब्यूरो अपने क्राइम मैनुअल में बदलाव करने जा रहा है तो वही इससे पहले सीबीआई ने 2005 में अपनी क्राइम मैनुअल में बदलाव किए गए थे।

सीबीआइ के प्रवक्ता ने कहा कि 2005 में क्राइम मैनुअल में किए गए बदलाव के बाद भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, आपराधिक प्रक्रिया में कुछ संशोधन हुए हैं और सुप्रीम कोर्ट ने भी बड़ी संख्या में निर्णय दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई अधिकारी मामले की जांच के लिए क्राइम मैनुअल का ही पालन करते हैं, जिसके तहत पहले प्रारंभिक जांच की जाती हैं या प्रारंभिक जांच को एफआईआर में परिवर्तित करते हैं।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि सीबीआई में साइबर क्राइम पहले जैसा नहीं था। विभिन्न राज्यों, पुलिस बलों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए काम चल रहा है कि अंतर-राज्य अपराध कैसे जुड़े हैं। पहले बहुत कम लोग जो अपराध करते थे, वे भारत के बाहर जाते थे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आज के तकनीकी दौर में साइबर क्राइम के मामले बढ़ गए हैं। इस वजह से सीबीआई अपने क्रिमिनल मैनुअल में बदलाव कर रही है।

अब सीबीआई को अन्य देशों से भी अनुरोध मिलते हैं। यह लंबे समय के लिए रोडमैप है। सीबीआई ने 4 और 5 सितंबर को साइबर अपराध जांच और फोरेंसिक पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें विभिन्न संगठनों और राज्यों के पचास से ज्यादा अधिकारियों ने भाग लिया था। राष्ट्रीय स्तर पर सीबीआई द्वारा आयोजित विषय पर यह पहला सम्मेलन था।

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