क्या है पूजा में नारियल का महत्व

पूजा-पाठ में नारियल फल चढ़ाते हुए तो आपके जरूर देखा होगा लेकिन पूजा में चढाने का महत्व बहुत काम लोग जानते होंगे I

कहा जाता है की हिंदू धर्म में नारियल को श्रीफल के नाम से भी जाना जाता है और ऐसा माना जाता है कि जब भगवान विष्णु ने धरती पर अवतार लिया तो वे अपने साथ तीन चीजें लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष और कामधेनु लेकर आए थे। इसलिए नारियल के वृक्ष को श्रीफल भी कहा जाता है। श्री का अर्थ है लक्ष्मी अर्थात नारियल लक्ष्मी व विष्णु का फल। तो वहीँ वेदो के अनुसार नारियल में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना गया है। श्रीफल भगवान शिव का परम प्रिय फल है। मान्यता अनुसार नारियल में बनी तीन आंखों को त्रिनेत्र के रूप में देखा जाता है। नारियल चढ़ाने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।किसी को सम्मान देने के लिए श्रीफल भी भेंट किया जाता है। सामाजिक रीति-रिवाजों में भी शुभ शगुन के तौर पर नारियल भेंट करने की परंपरा युगों से चली आ रही है। तिलक, विवाह, विदाई, के समय श्रीफल भेंट किया जाता है। यहां तक की अंतिम संस्कार के समय भी चिता के साथ नारियल जलाए जाते हैं।

नवरात्रि ही नहीं और भी दूसरे पूजा-पाठ में नारियल का खास महत्व है। कोई भी वैदिक या दैविक पूजन नारियल के बलिदान के बिना अधूरी मानी जाती है।

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