एक दिसंबर से शुरू होगा सूर्य पूजन का व्रत, करे सूर्य उपासना

एक दिसंबर से भगवान भास्कर की आराधना का छह मासीय रविवारीय व्रत-पूजन शुरू होगा। मार्ग शीर्ष शुक्ल पंचमी से शुरू होने वाला रविवारीय व्रत का समापन वैशाख मास में होगा।

इसलिए सभी रविवार को सनातन धर्मावलंबी सूर्य की पूजा-आराधना और व्रत रखेंगे। इस व्रत के आरंभ और समापन के दिन व्रती छठ महापर्व की तरह से भास्कर भगवान को अघ्र्य प्रदान करते हैं।

आपको बता दे सभी देव, ऋषि-मुनि सूर्य की रश्मियों में निवास करते हैं। ध्यान रखें कि अर्घ्य तांबे के लोटे में दें। पात्र को दोनों हाथों से पकड़ कर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्य के समय सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए,

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RANJANA

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