‘उत्तराखंड में भी लागू होगा एनआरसी’: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि राज्य में भी एनआरसी लागू होगा। बता दें कि उत्तराखंड सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण राज्य है क्योंकि इसकी सीमाएं चीन और नेपाल से मिलती हैं। तो वही आज देहरादून में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त प्रदेश होने के कारण उत्तराखंड में भी एनआरसी लागू किया जा सकता है। इस संबंध में वह मंत्रिमंडल से विचार विमर्श करेंगे वही आगे उन्होंने यह भी कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो उत्तराखंड में भी एनआरसी लागू किया जाएगा। एनआरसी का उद्देश्य देश के वास्तविक नागरिकों को दर्ज करना और अवैध प्रवासियों की शिनाख्त करना है।
साल 1980 के दशक में कट्टर क्षेत्रीय समूहों द्वारा एनआरसी को अपडेट करने की लगातार मांग की जाती रही थी। असम आंदोलन को समाप्त करने के लिए राजीव गांधी सरकार ने 1985 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें 1971 के बाद आने वाले लोगों को एनआरसी में शामिल न करने पर सहमति व्यक्त की गई थी।

अवैध प्रवासियों को हटाने के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में साल 2010 में एनआरसी को अपडेट करने की शुरुआत असम के दो जिलों- बारपेटा और कामरूप से की। लेकिन, बारपेटा में हिंसक झड़प के बाद यह प्रक्रिया ठप हो गई। हालांकि, एनआरसी का काम एक स्वयंसेवी संगठन असम पब्लिक वर्क्स द्वारा एक याचिका दायर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से ही फिर से शुरू हो सका। वर्ष 2015 में असम सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एनआरसी का काम फिर से शुरू किया।

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